गुरुवार, 29 अक्तूबर 2009

कब होगा भारत आजाद ...............................


कागजो की बात करे तो देश को आजाद हुए ६३ साल बीत गए है लेकिन आज भी भारत आजाद नही है ... यह एक लाइन में मैंने इसलिए नही कहा की मेरा कोई काम नही हुआ या हो नही रहा ... लेकिन फिर भी मैं कहता हू की भारत आजाद नही है ... और यह मैही नही कह रह हू ... अपनी इस निजी जिन्दगी से बाहरदेश के बारे में आप सोचेंगे तो आपको भी लगेगा की वास्तविकता में यह देश आजाद नही हुआ .... और इसके एक नही कई कारण गिनाताहू मैं ...........
१ देश की पुलिस व्यवस्था १८६२ के अधिनियम पर आधारित है... देश के प्रति पुलिस की कार्य प्रणाली पर तो सवालिया निशान लगे है लेकिन पुलिस के अन्दर भी कई दोष है.... आजादी से पहले पुलिस और अधिकारी के बीच भारतीय और विदेशी का फर्क था ... इसी आधार पर अधिकार और सहूलियते पुलिस अधिकारियो को दी गई थी वह आज भी बरक़रार है ... जबकि आज पुलिस का जवान भी भारतीय है और डी जी पी भी भारतीय है.... तो यह फर्क क्यों??? आज भी अधिकारियो द्वारा ली गई मीटिंग को दरबार का नाम दिया जाता है जो की एक उपनिवेशिक शब्द है..... जो पुलिस के जवानो में हीन भावना को पैदा करता है .... और पुलिस की कार्य प्रणाली को दोष पूर्ण बनाता है ......

२ देश के नेता आजादी के पहले भी नेता जेल जाते थे ॥ पूरी सहुलियतों का ध्यान रखा जाता था ... आज भी रखा जाता है.....

३ कृषि प्रधान भारत में आज से ६३ साल पहले जो हालत किसानो की थी वही हालत आज भी बनी हुई है..... किसान आत्महत्या कर रहे है ॥ सरकार कुछ नही करती ......वी आई पी को तो बस हेलिकोप्तारो में घूमने से फुर्सत नही है...... नेता अपने फायदे के लिए विदेशी कंपनियों को कई अधिकार दे दिए है....... वही वेदेशी कंपनिया देश को खा रही है........

बुधवार, 28 अक्तूबर 2009



इस चित्र पर गौर फरमाए.........

आजाद प्रेस
( ... ऊपर का यह चित्र बहुत दुर्लभ है ......
सफ़ेद रंग की प्रेस की इस गाड़ी में एक "कुक्कुर" महाशय आराम फरमा रहे है ............
शायद उनको भी अच्छे से पता है लोकतंत्र में प्रेस के स्थान की कितनी अहमियत है
...तभी तो वह कह रहे है.. "ऐसी आज़ादी और कहाँ " ? )

शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2009

.......एक युग का अवसान...............


प्यारेलाल खंडेलवाल मध्य प्रदेश भाजपा का पर्याय है ... उनके जाने के साथ ही मध्य प्रदेश में भज के एक युग की समाप्ति हो गई... उन्होंने अपने जीवन की शुरूवात सिहोर जिले के एक छोटे से गाव चार मंडली से १९२९ में की ... आप बचपन से ही काफ़ी मेहनती थे...प्यारेलाल जी कम समय में संघ से जुड़ गए...बाद में संघ के प्रचारक भी बन गए ... प्यारेलाल जी मध्य प्रदेश में जन संघ के संस्थापक सदस्य भी रहे ॥ बाद में भाजपा के बन्ने पर वह भाजपा में चले गए॥ वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे ... साथ में राज्य सभा सदस्य भी रहे ... उनका प्रदेश की राजनीत में बड़ा दखल था॥ या यू कहे प्रदेश में भाजपा का पौधा लगाया और उसको खाद पानी करके बड़ा किया की आज प्रदेश में सरकार उसी की है॥ प्रदेश भाजपा में जब भी कोई संकट आया उससे उबरने में प्यारेलाल जी ने अपनी भूमिका निभाई.... पार्टी ने इतना बड़ा पड़ और सम्मान होने के बाद भी सिहोर जिले के विकास या प्रदेश के विकास में सहायक कोई काम उनके नाम नही है॥


उन्होंने देश की कम पार्टी की ज्यादा सेवा की... प्यारेलाल जी ने भाजपा और इस दुनिया से ऐसे समय में नाता तोडा जब वर्तमान में उनकी जरुरत पार्टी को थी ... भाजपा आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है ॥ उन्होंने कभी नही सोचा होगा जिस पौधे को वह लगा रहे है उसकी जड़ उन्ही की पार्टी के लोग काट डालेंगे॥ जहाँ एक तरफ़ पिछले चुनाव की हार का जिम्मा कोई लेने को तैयार नही है तो पार्टी के नेता अब पार्टी की रीति नीति पर प्रशन खड़े कर रहे है .... आडवानी जी जो पी ऍम इन वेटिंग थे वह अभी भी पी ऍम इन वेटिंग बने है .... अपने आपको पी ऍम इन वेटिंग रखकर उन्होंने ऐसा गल लिया है जिसे न निगल सकते है न उगल सकते है॥ भाजपा के संस्थापको में कुछ का स्वर्गवास हो गया तो कुछ ने सन्यास ले लिया और कुछ नई पीड़ी की उपेक्षा के चलते पार्टी छोड़ रहे है या निकाले जा रहे है ... हाल ही में जसवंत सिंह के निष्काशन को अनुचित बताकर प्यारेलाल जी ने अपना मत साफ़ कर लिया ॥ उन्होंने यह बता दिया जिस पौधे को उन्होंने लगाया था उसे ऐसे ही सूखने नही देंगे... ऐसे संकट के समय में प्यारेलालजी की मौत ने भाजपा को अपाहिज बना दिया ॥ प्यारेलाल जी की मौत के साथ ही मध्य प्रदेश भाजपा में एक युग की समाप्ति हो गई... प्यारेलाल जी के स्थान की भरपाई करना भाजपा के लिए आसान नही होगा....